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कृष्ण जन्माष्टमी पर जानिए, श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ीं कई रोचक और रहस्यमयी बातें

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कृष्ण जन्माष्टमी पर जानिए, श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ीं कई रोचक और रहस्यमयी बातें.    कृष्ण जन्माष्टमी 2022 में कब है? प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami Hindi) भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को है। इस वर्ष कैलेंडर में यह 18-19 अगस्त 2022 को है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जन्म को यादगार रूप में मनाया जाने लगा है।  🌺भगवान श्री कृष्ण का जीवन🌺  @ कृष्ण जी, देवकी-वासुदेव की आठवीं सन्तान थे। चूंकि उस समय देवकी और वासुदेव, राक्षस प्रवृत्ति के राजा कंस के कारावास में थे अतः कृष्ण जी को वासुदेव जी उसी रात यशोदा के पास छोड़कर आये। इस प्रकार कृष्ण जी का लालन-पालन यशोदा और नन्द जी की देखरेख में हुआ।  @ भगवान श्री कृष्ण की परदादी 'मारिषा' व सौतेली मा रोहिणी (बलराम की मां) 'नाग' जनजाति की थी. @ भगवान श्री कृष्ण से जेल में बदली गई यशोदापुत्री का नाम एकानंशा था, जो आज विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजी जातीं हैं.जिसकी @ भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधा का वर्णन महाभारत, हरिवंशपुराण, विष्णुपुराण व भागवतपुराण में नहीं है उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण

भगवान श्री कृष्णकी 8 पटरानीया और उनसे शादी होनी की रोचक कथा ।

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1 रुक्मणी रुक्मणी के बारे में जो भगवान कृष्ण की पहली पत्नी थीं। रुक्मणी मां लक्ष्मी का अवतार थीं। विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणी को भागकर कृष्ण से विवाह करना पड़ा क्योंकि उनका भाई रुक्मी इस विवाह के खिलाफ था। इसलिए उन्हें भागकर शादी करनी पड़ी। दोनों के दस पुत्र हुए। कृष्ण जन्माष्टमी पर जानिए, श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ीं कई रोचक और रहस्यमयी बातें 2 जामवंती  जामवंती जामवंत जी की पुत्री थीं और जामवंत भगवान कृष्ण के भक्त थे। एक बार श्रीकृष्ण पर मणि चुराने का आरोप लगा। इस आरोप को झूठा प्रमाणित करने के लिए उन्होंने खुद ही मणि को तलाशना शुरू कर दिया। उन्हें पता चला कि वह मणि उनके पूर्व जन्म के भक्त जामवंत के पास है। जामवंत पहले पहल श्रीकृष्ण को पहचान नहीं पाए और इसी चक्कर में दोनों के बीच भीषण युद्ध हुआ, लेकिन जब बाद में जामवंत को श्रीकृष्ण में भगवान राम का रूप दिखा तो उन्होंने उन्हें मणि लौटा दी और अपनी बेटी जामवंती का हाथ उनके हाथों में दे दिया। 3सत्यभामा सत्यभामा कृष्ण की तीसरी पत्नी थीं। सत्यभामा सत्राजित की पुत्री थीं। जिस मणि को चुराने का आरोप कृष्णजी पर लगा था, वह

76 स्वतंत्रा दिवस पर नरेन्द्र मोदी के भाषण की महत्वपूर्ण बाते 2022

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आज देश अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह दिन अंग्रेजों के हाथों दो शताब्दियों के दमन के बाद औपनिवेशिक शासन से भारत की स्वतंत्रता की याद दिलाता है। स्वतंत्रता दिवस का उत्सव हमारे साहसी नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और अथक प्रयासों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने देश और देशवासियों की खातिर अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया। 76वां स्वतंत्रता दिवसको लाल किले पर करीब 250 जानी-मानी हस्तियों के आगमन के अलावा लगभग 8,000-10,000 लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया। भारतीय सेना के 10 ऐसे बेहतरीन सुवाक्य जिन्हे पढ़कर आप भारतीय सेना पर अवस्य गर्व महेसुस करेंगे । प्रधानमंत्री ने नया नारा देते हुए कहा कि अब ' जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान' होगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत सरकारी एजेंडा या कार्यक्रम नहीं है, यह जनआंदोलन है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, "मैं इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतीयों और भारत से प्यार करने वालों को बधाई देता हूं। यह एक नए संकल्प के साथ एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का दिन है।" मैं दुनिया भर के सभी भारतीयों को