राफेल विमान, गेमचेंजर
बाजार में मौजूद विमानों में सर्वश्रेष्ठ
एफ-35 विमानों से राफेल की तुलना करते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि राफेल अधिक युद्धक हथियारों के साथ अधिक रफ्तार से लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है। हालांकि एफ-35 में हथियारों की श्रृंखला बेहतर है। रक्षा विशेषज्ञ डी.लक्ष्मण बेहारा ने कहा कि वैश्विक बाजार में मौजूद युद्धक विमानों में यह सबसे अच्छा है। चीन के पास मौजूद हथियारों से यह कहीं अधिक सक्षम और घातक है। चीन के फाइटर जेट जे-20 के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फ्रांस में निर्मित जेट अधिक क्षमतावान है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि बहुआयामी क्षमता वाले राफेल जेट विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की क्षमता में कई गुना इजाफा हुआ है। खासकर तब जब पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से भारत लगातार हमले और खतरों का सामना कर रहा है। 4.5 पीढ़ी के इस युद्धक विमानों का भारत को मिलने का यह समय काफी अहम है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए राफेल गेमचेंजर साबित हो सकता है।
कोई पड़ोसी नहीं है टक्कर में
विशेषज्ञों की मानें तो 36 जेट विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद कोई भी पड़ोसी देश भारत की युद्धक क्षमता का मुकाबला नहीं कर सकेगा। राफेल की तुलना अमेरिकी युद्धक विमान एफ-35 और एफ-22 से की जाती है। राफेल सभी तरह के युद्धक अभियानों के लिए उपयुक्त है। इससे ना केवल वायु रक्षा के क्षेत्र में भारत को वरिष्ठता हासिल होगी बल्कि सुदूर हवाई हमलों में जमीन को टच करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। युद्धपोत पर हमले से लेकर परमाणु हमले के लिए भी उपयुक्त है।
साबित की बेजोड़ युद्धक क्षमता
फ्रांस का यह युद्धक विमान अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और पिछले साल सीरिया में अपनी बेजोड़ युद्धक क्षमताओं को साबित कर चुका है। फ्रांस की रक्षा कंपनी दसॉल्ट के बनाए राफेल विमान को फ्रांस की नौसेना में वर्ष 2004 में शामिल किया गया था। जबकि फ्रांस की वायुसेना में इसे वर्ष 2006 में शामिल किया गया था। इस रक्षा कंपनी का कहना है कि राफेल ने अब तक 30
राफेल और जे-20 के बीच कोई मुकाबला नहीं
पूर्व एयरचीफ मार्शल फली होमी मेजर ने भी डॉ. बेहारा की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राफेल और जे-20 के बीच कोई मुकाबला ही नहीं है। दुनिया को जे-20 के बारे में कुछ पता नहीं है। राफेल भारतीय वायुसेना का प्रभुत्व बढ़ाएगा। यूरोपीय मिसाइल मीटियोर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल इस विमान का हिस्सा है। इसके अलावा, इसमें स्काल्प क्रूज मिसाइल भी लगाई गई है। मीका हथियार प्रणाली भी इसे अनूठा बनाती है। इसमें लगी हैमर मिसाइल भी इसका प्लस प्वाइंट है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन दोनों ही देश राफेल के वायुसेना का हिस्सा बनने से घबरा रहे होंगे।
नहीं ढूंढ़ पाएगा दुश्मन
हलवारा एयरफोर्स बेस के पूर्व प्रमुख रह चुके रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल एसएस होठी ने कहा कि एयरक्राफ्ट की बनावट, इंजन पावर, इलेक्ट्रॉनिक्स और वेपन सिस्टम का सुमेल राफेल को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फाइटर एयरक्राफ्ट्स में से एक बनाती है। राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट में ऐसी तकनीक है जिससे यह 50 किलोमीटर की दूरी से ही बम फेंक सकता है और डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी से हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल दाग सकता है। उन्होंने कहा कि दुश्मन के लिए राफेल को ढूंढ़ पाना और फिर उसे घेर पाना खुद में एक चुनौती बना रहेगा।
राडार को जाम नहीं किया जा सकता
भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने कहा कि इस लेवल का एयरक्राफ्ट चीन और पाकिस्तान के पास नहीं है। इसकी वजह इसमे लगा हाइटेक राडार है, जो इन दोनों देशों के पास नहीं है। ये 200 किमी से अधिक के दायरे में आने वाले किसी भी एयरक्राफ्ट या मिसाइल का पता लगा सकता है। इससे भी ज्यादा खास बात इसमें ये है कि इसके राडार को जाम नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें फायर इंफ्रारेड जेम एंड ट्रेक सिस्टम लगा है। इसकी खासियत है कि ये लड़ाकू विमान बिना अपना राडार ऑन करे 100 किमी की दूरी पर मौजूद दुश्मन के जहाज को देख सकता है।
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