फेम सिंगर VANI JAIRAM DEATH, घर में मिली लाश, माथे पर चोट के निशान,हाल ही में पद्मभूषण से सम्मानित हुई थीं
वाणी जयराम एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायिका हैं, जो अपनी सुरीली आवाज से पांच दशकों से अधिक समय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। उन्होंने भक्ति संगीत, रोमांस, कॉमेडी और नाटक सहित कई फिल्म शैलियों में अपनी आवाज़ दी है। वाणी जयराम ने अपने संगीत करियर की शुरुआत कम उम्र में की थी और तब से उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें से सबसे प्रतिष्ठित पद्म भूषण है। हम इस लेख में इस प्रतिभाशाली गायक के जीवन और करियर की अधिक विस्तार से जांच करेंगे। वह अब भारतीय संगीत में एक दंतकथा हैं।
शुरुआती ज़िंदगी और पेशा
वाणी जयराम का जन्म 15 अप्रैल, 1940 को आंध्र प्रदेश, भारत में हुआ था। उन्हें छोटी उम्र से ही संगीत से अवगत कराया गया था, क्योंकि उनके पिता एक शास्त्रीय संगीतकार थे। वाणी जयराम ने कम उम्र में गाना शुरू किया और स्कूल में कई गायन प्रतियोगिताएं जीतीं। वह तमिलनाडु के अन्नामलाई विश्वविद्यालय में संगीत का अध्ययन करने गईं, जहां उन्होंने अपने कौशल को निखारा और अपनी अनूठी शैली विकसित की।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वाणी जयराम संगीत में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई चली गईं। वह जल्द ही एक लोकप्रिय पार्श्व गायिका बन गईं, जिन्होंने कई लोकप्रिय फिल्मों को अपनी आवाज दी। उनकी प्रतिभा और बहुमुखी प्रतिभा ने जल्दी ही उन्हें एक घरेलू नाम बना दिया, और वह भारतीय संगीत में सबसे प्रसिद्ध आवाजों में से एक बन गईं।
पद्म भूषण पुरस्कार
भारतीय संगीत में वाणी जयराम के योगदान को 1975 में पहचाना गया, जब उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत और संगीत के प्रति समर्पण का एक वसीयतनामा था, और इसने उद्योग में एक अग्रणी आवाज के रूप में उनकी जगह को मजबूत किया।
लोकप्रिय गाने और फिल्म क्रेडिट
वाणी जयराम ने अपने करियर में कई हिट गाने रिकॉर्ड किए हैं, और उन्होंने कई तरह की फिल्म शैलियों में अपनी आवाज दी है। उनके कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में "ओरु पूंगवनम," "उन्नल मुदियुम," "एझावाथु मनिथन," और "एन इनिया पोन निलावे" शामिल हैं। उन्होंने "शिवपुराणम," "विष्णु सहस्रनाम," और "भजनावली" सहित भक्ति गीत भी गाए हैं।
वाणी जयराम ने भारतीय सिनेमा के कुछ सबसे बड़े नामों के साथ भी काम किया है, जिनमें के. बालाचंदर, एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम और एम.एस. विश्वनाथन शामिल हैं। उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए गाने रिकॉर्ड किए हैं, जैसे "भक्त प्रह्लाद," "भक्त प्रह्लाद," और "ओरु कैदियिन डायरी।"विरासत और प्रभाव
भारतीय संगीत में वाणी जयराम के योगदान का उद्योग पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। उसने अनगिनत संगीतकारों को प्रेरित किया है, और उसका संगीत सभी उम्र के दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना हुआ है। उनकी अनूठी शैली और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें अन्य गायकों से अलग कर दिया है, और वह भारतीय संगीत में सबसे प्रसिद्ध आवाज़ों में से एक हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
प्रश्न: वाणी जयराम की पृष्ठभूमि क्या है?
A: वाणी जयराम एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं, जिनका जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था और उन्होंने तमिलनाडु के अन्नामलाई विश्वविद्यालय में संगीत का अध्ययन किया था। उन्होंने कम उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था और आगे चलकर भारतीय संगीत की सबसे प्रसिद्ध आवाज़ों में से एक बन गईं।
प्र. पद्म भूषण पुरस्कार क्या है?
ए। पद्म भूषण भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है, जो कला, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है।
Q. वाणी जयराम ने कितने फिल्मी गाने रिकॉर्ड किए हैं?
A. वाणी जयराम ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम सहित कई भाषाओं में 6,000 से अधिक फिल्मी गाने रिकॉर्ड किए हैं।
Q. वाणी जयराम को पद्म भूषण से कब सम्मानित किया गया था?
ए वाणी जयराम को संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
प्रश्न: वाणी जयराम के कुछ सबसे लोकप्रिय गीत कौन से हैं?
ए: वाणी जयराम के कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में "ओरु पूंगवनम," "उन्नल मुदियुम," "एझावथु मनिथन," और "एन इनिया पोन निलावे" शामिल हैं। उन्होंने "शिवपुराणम," "विष्णु सहस्रनाम," और "भजनावली" सहित भक्ति गीत भी रिकॉर्ड किए हैं।
प्रश्न: वाणी जयराम ने किन फिल्म निर्देशकों के साथ काम किया है?
A: वाणी जयराम ने भारतीय सिनेमा के कुछ सबसे बड़े नामों के साथ काम किया है, जिनमें के. बालाचंदर, एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम और एम.एस. विश्वनाथन शामिल हैं। उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए गाने रिकॉर्ड किए हैं, जैसे "भक्त प्रह्लाद," "भक्त प्रह्लाद," और "ओरु कैदियिन डायरी।"
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