हेलिकॉप्टर घोटाला : पर्रिकर का बड़ा ऐलान - जो इससे पहले नहीं कर पाए, वो अब करेंगे
नई दिल्ली । रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आशंका जाहिर है कि जुलाई 2014 में भारतीय वायु सेना के रेकॉर्ड रूम में लगी आग की घटना हेलिकॉप्टर डील स्कैम से जुड़ी हो सकती है। मंत्री ने कहा कि उस 'रहस्यमई आग' का मकसद अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम से जुड़ी फाइलों को नष्ट करना हो सकता है। पार्रिकर ने कहा कि पिछली संप्रग सरकार ने अगस्टा वेस्टलैंड को हेलिकॉप्टर सौदा दिलाने के लिए 'सब कुछ किया' और इस मामले में रिश्वत लेने वाले बड़े नामों का पता लगाया जाएगा ताकि 'जो हम बोफोर्स में नहीं कर सके वह हम इस मामले में कर सकेंगे।'
बता दें कि मोदी
सरकार के सत्ता में आने के महज आठ दिनों के भीतर यह आग लगी थी। रक्षा मंत्री ने लोकसभा में बताया कि हेलिकॉप्टर सौदे से जुड़ी तीन फाइलें सौभाग्य से बच गईं, क्योंकि वे संवेदनशील होने की वजह से एक अधिकारी के लॉकर में बंद थीं। उन्होंने कहा कि इस सौदे के बारे में फैसला 2010 में किया गया जबकि त्यागी वर्ष 2007 में सेवानिवृत्त हो गए और हो सकता है 'उन्हें सिर्फ चिल्लर मिले हों।' उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इस मामले की जांच की मांग कर रही कांग्रेस के वाकआउट के बीच रक्षा मंत्री ने कहा कि सीबीआई 'बेहद गंभीरता के साथ इस मामले की जांच कर रही है।
क्या है अगस्टा वेस्टलैंड घोटाला?
अगस्टा वेस्टलैंड कंपनी ने भारत में 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था। माना जाता है कि सौदा करने के लिए 10 फीसदी यानी करीब 350 करोड़ रुपये की घूस दी गई। अब इटली की अदालत ने माना कि अगस्टा वेस्टलैंड कंपनी ने 12 हेलिकॉप्टर बेचने के लिए भारत में करीब 125 करोड़ की घूस दी है।
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