Tulasi na upyogo..

तुलसी में शहद मिलाकर पीने से पथरी निकल जाती है
तुलसी के लगातार सेवन से कैंसर और पथरी जैसी गंभीर बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है। यह घर में आसानी से उपलब्ध हो जाती है, इसलिए यह सबसे किफायती औषधि है। तुलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इंफेक्शन जैसे सर्दी-जुकाम से राहत देते हैं। इस पौधे के क्या फायदे हैं, आइए जानते हैं।
1- पथरी निकालने में मददगार
तुलसी की पत्तियां किडनी के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी होती हैं। तुलसी रक्त से यूरिक एसिड लेवल को कम करती है, जो किडनी में पथरी बनने का मुख्य कारण होती है। इसके साथ ही किडनी को साथ भी करती है। तुलसी में मौजूद एसेटिक एसिड और दूसरे तत्व किडनी की पथरी को गलाने का काम करते हैं। साथ ही इसका पेनकिलर प्रभाव पथरी के दर्द को दूर करता है। किडनी की पथरी को निकालने के लिए तुलसी की पत्तियों के जूस को शहद के साथ मिलाकर 6 महीने तक रोज पिएं।
2- डायबिटीज़ को कम कता है
तुलसी की पवित्र पत्तियां एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एसेंशियल ऑयल से भरपूर होती हैं, जो युगेनॉल, मेथाइल युगेनॉल और कार्योफेलिन का निर्माण करती हैं। ये पदार्थ पैनक्रियाटिक बेटा सेल्स (सेल्स जो इंसुलिन को स्टोर करते हैं और उसे बाहर निकालते हैं) को ठीक तरह से काम करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन की सेंसिविटी को बढ़ाते हैं। यह ब्लड से शुगर लेवल भी कम करते हैं और डाइबिटीज़ का ठीक तरह से ईलाज करते हैं।
3- बुखार उतारने में मदद करती है
तुलसी में किटाणुनाशक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। एंटी-बायोटिक बुखार कम करने के लिए भी ज़रूरी होता है। यह इंफेक्शन की वजह से होने वाली बीमारियों और मलेरिया से भी राहत देती है। आयुर्वेद के अनुसार, जो इंसान बुखार से पीड़ित हो उसे तुलसी का काढ़ा बहुत ही फायदा करता है। इसे बनाने के लिए तुलसी की कुछ पत्तियों को आधे लीटर पानी में इलायची पाउडर के साथ मिलाकर तब तक के लिए जब तक यह मिक्सचर आधा न रह जाए। तुलसी की पत्तियों और इलायची पाउडर का अनुपात (1:0:3) होना चाहिए। इस काढ़े को चीनी और दू
4- दिल का रखती है ख्याल
तुलसी में शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व- युगेनॉल होता है। यह तत्व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करके दिल का देखभाल करता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। हार्ट को हेल्दी बनाने के लिए रोज खाली पेट सूखी तुलसी की पत्तियां चबाएं। इससे किसी भी तरह के हृदय संबंधी रोग दूर रहते हैं।
5- थकान दूर करती है
रिसर्च के अनुसार, तुलसी स्ट्रेस हार्मोन- कोर्टिसोल के लेवल को संतुलित रखती है। इसकी पत्तियों में शक्तिशाली एटॉप्टोजन गुण होते हैं, जिन्हें एंटी-स्ट्रेस एजेंट भी कहते हैं। यह नर्वस सिस्टम और ब्लड सर्कुलेशन को नियमित रखता हैं। साथ ही थकान के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स को कम करता है। जिन लोगों की नौकरी बहुत थकाऊ हैं उन्हें रोज दो बार तुलसी की लगभग 12 पत्तियां खानी चाहिए।
6- कैंसररोधी होती है तुलसी
शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होने के कारण तुलसी की पत्तियां ब्रेस्ट कैंसर और मुंह के कैंसर (तंबाकू के सेवन से होने वाला कैंसर) को बढ़ने को रोकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी के घटक ट्यूमर तक रक्त के प्रवाह को नहीं पहुंचने देते। कैंसर से बचने के लिए व इसके प्रभाव को कम करने के लिए रोज तुलसी का सत्व पिएं।
7- स्मोकिंग छोड़ने में करती है मदद
तुलसी में शक्तिशाली एंटी-स्ट्रेस तत्व होने के कारण यह स्मोकिंग छोड़ने में मददगार हो सकती है। जिस स्ट्रेस की वजह से लोग धूम्रपान के आदी हो जाते हैं, तुलसी की पत्तियां उस स्ट्रेस लेवल को कम कर देती हैं। इसको चबाने पर यह गले को कूलिंग इफेक्ट देती है। मुंह में कुछ न कुछ चबाने से सिगरेट पीने की आदत अपने आप छूट जाती है। इसलिए जब भी आपका मन सिगरेट पीने का हो तो इसके बजाय तुलसी की कुछ पत्तियां चबा लें। इससे आपकी सिगरेट पीने की आदत तो छूटेगी ही साथ ही इसकी वजह से जो शरीर में नुकसान हुआ है उसे भी यह कम कर देती है।
साझा

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Kavi ane tena upnam..