गुजरात 66 साल बाद फाइनल में पहुंचा और बन गया रणजी ट्रॉफी विजेता, मुंबई 26 साल में पहली बार फाइनल हारा
कप्तान पार्थिव पटेल के विषम परिस्थितियों में बनाये गये लाजवाब शतक से गुजरात ने 41 बार के चैंपियन मुंबई को पांच विकेट से हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता। ‘बम्बई से मुंबई’ बनने के बाद रणजी फाइनल में पहली हार है। इस मैच से पहले मुंबर्इ 1990-91 में आखिरी बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में हारा थी। उस समय हरियाणा ने उसे दो रन से मात दी थी। इसके बाद मुंबई की टीम ने 11 फाइनल जीते। मुंबई की टीम का यह 46वां रणजी फाइनल था और वह केवल पांच बार हारा है। वहीं गुजरात की टीम दूसरी बार फाइनल में पहुंची थी। गुजरात 66 साल पहले 1950-51 में फाइनल में पहुंचा था लेकिन तब उसे होलकर (अब मध्यप्रदेश) ने इंदौर में ही खेले गये फाइनल में 189 रन से हरा दिया था।
गुजरात के सामने 312 रन का लक्ष्य था और उसने पार्थिव की 143 रन की बेजोड़ पारी के दम पर मैच के पांचवें और अंतिम दिन पांच विकेट पर 313 रन बनाकर राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। पार्थिव पटेल को उनकी शतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। गुजरात ने रणजी फाइनल में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का भी रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले का रिकॉर्ड हैदराबाद के नाम पर था जिसने 1938 में नवानगर के खिलाफ नौ विकेट पर 310 रन बनाये थे।
गुजरात रणजी चैंपियन बनने वाली 16वीं टीम है। गुजरात ने 2014-15 में सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्राफी और 2015-16 में विजय हजारे एकदिवसीय ट्राफी जीती थी और इस तरह से तीनों राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली वह चौथी टीम बन गयी है। गुजरात से पहले तमिलनाडु, बंगाल और उत्तर प्रदेश यह कारनामा कर चुके हैं। पार्थिव तीनों खिताब जीतने वाले पहले कप्तान भी बन गये हैं। पार्थिव पटेल के लिए पिछले छह महीने काफी अच्छे रहे हैं। रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बूते उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया में जगह मिली थी। इस सीरीज में उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया था। वहीं अब उनकी कप्तानी में गुजरात रणजी चैंपियन भी बन गया।
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