इनकम टैक्स देने की नहीं होगी टेंशन, इस तरह करें निवेश

.चालू वित्त वर्ष समाप्त होने में बहुत कम वक्त बचा हुआ है। अगर आपकी आय कर-योग्य (टैक्सेबल) है और अभी तक आपने टैक्स सेविंग की प्लानिंग नहीं की है तो साल के आखिरी महीनों में आपकी सैलरी का बड़ा भाग टैक्स के रूप में कट सकता है। मेहनत की कमाई का पैसा कटने से आपको दिली तकलीफ होगी और संभव है कि इससे आपके बजट पर भी फर्क पड़े। हम आज आपको वे तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप टैक्स के रूप में बड़ी रकम बचा सकते हैं।


इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसस) निवेश पर जोरदार रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग के लिए ईएलएसएस फंड्स एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें निवेशक को लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए की टैक्स छूट भी आपको ईएलएसएस फंड में निवेश करने पर मिलती है। अगर लॉक इन पीरियड की बात करें तो किसी भी मार्केट लिंक्ड प्रोडक्ट से यह कम है। ईएलएसएस का लॉक इन पीरियड सिर्फ तीन साल का है। ईएलएसएस में निवेश ऑनलाइन शुरू कर सकते हैं। आप केवाईसी ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं।


निवेश में ये गलतियां न करें ईएलएसएस निवेशकों के डाटा से अक्सर यह लगता है कि लोग छोटी अवधि के प्रदर्शन को देखते हुए निवेश करते हैं। लेकिन आप ऐसा नहीं करें। कभी भी किसी फंड में निवेश से पहले उसके 5 साल का प्रदर्शन जरूर देखें। कभी भी सिर्फ फंड के लाभांश को देखकर निवेश न करें, क्योंकि यह नेट एसेट वैल्यू पर आधारित होता है। वहीं, ज्यादातर निवेशक स्मॉल फंड्स में निवेश करने से बचते हैं, जबकि कई छोटे फंड बड़े फंड्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न देते हैं। इसलिए फंड के साइज पर नहीं, बल्कि प्रदर्शन के आधार पर निवेश करें और हां, लॉक इन पीरियड के बाद पैसा निकालने से बचें। यहां हमेशा याद रखें कि ईएलएसएस लंबी अवधि में शानदार रिटर्न देगा।

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप्स) यूलिप एक इंश्योरेंस प्रोडक्ट है, जो पॉलिसी होल्डर को कवर देने के साथ ही अच्छा रिटर्न भी देता है। प्रोडक्ट मार्केट लिंक्ड होने से पॉलिसी होल्डर के प्रीमियम का पैसा इक्विटी और डेट मार्केट दोनों में निवेश किया जाता है। इस पर मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। आप इसमें भी 1.5 लाख रुपए तक निवेेश कर इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत छूट प्राप्त कर सकते हैं। पिछले पांच साल में यूलिप प्रोडक्ट ने करीब 11 फीसदी का रिटर्न दिया है। मार्केट में सिंगल प्रीमियम के ऑप्शन उपलब्ध हैं। मैच्योरिटी पर इनकम टैक्स के सेक्शन 10 (10डी) के तहत टैक्स फ्री होता है। यूलिप में निवेश कर आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफायड कर सकते हैं।


वीपीएफ और पीएफ रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट प्रोविडेंट फंड (पीएफ) को माना जाता है। सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटने के बावजूद वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी की दर से इस पर ब्याज मिलेगा। सैलरी का करीब 12 फीसदी निवेश पीएफ में किया जाता है। अगर आप इससे अधिक रकम निवेश करना चाहते हैं तो आप वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ) में अपनी इच्छा के अनुसार निवेश कर सकते हैं। इसमें किए हुए निवेश पर आपको पीएफ जितना रिटर्न और टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इनकम टैक्स सेक्शन 80सी के तहत इस पर 1.5 लाख रुपए का टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) टैक्स सेविंग के साथ रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एनपीएस एक बेहतर प्रोडक्ट है। इसमें आप 500 रुपए प्रति महीने या साल में 6,000 रुपए से इन्‍वेस्‍टमेंट की शुरुआत कर सकते हैं। फंड मैनेजर एनपीएस का पैसा इक्विटी, बांड और गिल्ट में निवेश करते हैं। इनकम टैक्‍स की धारा80 सीसीडी के तहत इसमें निवेश कर आप 2 लाख रुपए तक टैक्‍स सेविंग कर सकते हैं। अगर एनपीएस फंड्स का प्रदर्शन देखें तो एक से 5 साल के लिए रिटर्न 8.4 फीसदी से लेकर 14.1 फीसदी रहा है।
फिक्स्ड डिपॉजिट अगर आप अपने निवेश पर जीरो रिस्क औैर रेगुलर फिक्स्ड रिटर्न चाहते हैं तो आपके लिए 5 साल का फिक्स्ड डिपॉजिट एक बेहतर प्रोडक्ट है। वे ऐसे निवेशक के लिए है, जो अपना पैसा बैंक में रखना चाहते हैं। हालांकि, यह रिटर्न के लिहाज से अच्छा नहीं है, क्योंकि ज्यादातर बैंकों ने ब्याज दर मे कटौती की है। अभी करीब 6.5 फीसदी रिटर्न मिल रहा है, जो महंगाई से लडऩे में सक्षम नहीं है। इसके अलावा सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, पेंशन प्लान का भी चुनाव किया जा सकता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Kavi ane tena upnam..