देखिए पेट्रोल पंप पर कैसे होती है तेल की चोरी, तरीका जानकर हैरान रह जाएंगे


यूपी के बाद देश में कई जगहों से पेट्रोल पंप पर ग्राहकों को कम पेट्रोल एवं डीजल देने का मामला सामने आया है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पेट्रोल पंप पर ये खेल कैसे होता है, जानिए पेट्रोल पंप पर तेल की चोरी एक चिप के माध्यम से होती है। इस चिप के खेल में एक हजार रुपए का पेट्रोल-डीलज भरवाने पर ग्राहक को 100 से 50 रुपए की चपत लगाई जा रही थी।  ऐसे करते थे खेल

पेट्रोल पंप में इस खेल में अमूमन दो से तीन लोग शामिल रहते थे। इसमें एक पेट्रोल डालता था और दूसरा कैश का बैग लेकर खड़ा रहता था। बैग लेकर खड़े रहना वाला पैसों के साथ ही रिमोट रखता था। मौका मिलते ही वह रिमोट दबाकर घटतौली कर देता था। 

  कुछ जगह पर इन दोनों के अलावा तीसरा कर्मचारी जेब में रिमोट लेकर खड़ा रहता था। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि ये लोग ग्रीन सर्किट में चिप लगाकर खेल करते थे। कुछ जगह एमसीबी और कुछ जगह पैनल में सर्किट लगाया गया था। हर लीटर पर 50-60 मिली. कम देते थे फ्यूल

इन पेट्रोल पंपों की मशीनों के अंदर चिप लगी थी, जिसे रिमोट के जरिए कंट्रोल किया जाता था। पंप के कर्मचारी द्वारा रिमोट दबाते ही पाइप से तेल गिरना बंद हो जाता था लेकिन मशीन की स्क्रीन पर तेल और पैसे का मीटर अपनी रफ्तार से ही चलता रहता था।  एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक के मुताबिक, इस डिवाइस के जरिए पेट्रोल पंप मालिक हर लीटर पर पांच से छह प्रतिशत ईंधन की चपत लगा रहे थे।

औसतन एक पेट्रोल पंप इस चोरी से ही रोज 40 से 50 हजार रुपये और महीने में 12 से 15 लाख रुपये कमा रहा था। आप मीटर रीडिंग देखते रहे और सेंध लग गई

मान लें कि आप पेट्रोल पम्प पर गए और 600 रुपये का पेट्रोल डलवाया। 600 रुपये का पेट्रोल भरवाने में करीब 1 सवा मिनट का समय लगता है। आपका सारा ध्यान मीटर की रीडिंग पढ़ने में निकल जाता है और अगर इस बीच 10 सेकंड के लिए भी स्विच ऑफ होता है तो समझ लीजिए कि आपके 600 रुपये के पेट्रोल में करीब 50-100 रुपये का टांका यह शातिर लगा देते हैं। कैसे होती है यह चोरी

पेट्रोल पंप का नोजल आपकी गाड़ी के पेट्रोल/डीजल टैंक के अंदर जाता है और आप मीटर में सबसे पहले '0' देखते हैं। इसके बाद आप जितने रुपये के पेट्रोल या डीजल की मांग करते हैं उतना जब तक मीटर दिखा नहीं देता, तब तक मीटर से नजर नहीं हटाते। इस बीच आपको पता ही नहीं चलता की मीटर तो चल रहा है, लेकिन आपकी गाड़ी में पेट्रोल या डीजल जा रहा है या नहीं। 1000 से ज्यादा पंपों में लगाई चिप
पेट्रोल चुराने में इस्तेमाल होने वाली चिप और रिमोट एक से दो हजार रुपये में दिल्ली और कानपुर के बाजारों में मिलते हैं। इसे लगाने के एवज में राजेंद्र 40 से 50 हजार रुपये लेता था। राजेंद्र यूपी और दूसरे राज्यों में सक्रिय एक बड़े गैंग का सदस्य है। उसने एसटीएफ के सामने एक हजार से ज्यादा पेट्रोलपंपों पर चिप लगाने की बात कबूली है। फिलहाल एसटीएफ ने उसकी निशानदेही पर लखनऊ में सात जगह छापे मारे हैं। देर रात तक बाकी जिलों में छापेमारी की तैयारी की जा रही थी।

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