7 pay commision

मैं एक साधारण तरीके से बताना चाहता हूँ कि वेतन आयोग ने अपनी बुद्धि कैसे लगा दी।
मान लें की, किसी सरकारी कर्मचारी का 31 दिसंबर 2015 को तनख्वा थी 100 रुपया और D A 125%
1 जनवरी 2016 को जो तनख्वा बनती वो होती
100 + 125 = 225 रूपए
अब यदि 31 दिसम्बर 2015 को 7th CPC मूल वेतन में सिर्फ 50% DA मर्ज कर देता तो,
मूल वेतन होगा 150 रूपया तथा 75% DA: 112.50
यानि 150 + 112.50 =262.50 रूपए
अब देखिए असली मजा तथा वेतन आयोग का मैजिक :-
7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार :- 31 दिसम्बर को जो बेसिक होगी, उसमें 2.57 से गुना करना है ,
इसका मतलब है कि,1 जनवरी 2016 को मूल वेतन माना :-
100× 2.57= 257 रूपए
(a) यदि 7 cpc नही लागू होता तो, वेतन मिलता 225 रुपए
(b) यदि 50% DA मर्ज कर दें तो, मूल वेतन हुआ 150 रुपया ,जिस पर 75% DA जोड़ कर वेतन हुआ, 262.50 रूपए
लेकिन मैजिक के कारण एक कर्मचारी को मिलेगा सिर्फ 257 रूपए मात्र !!
मतलब यह कि प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से 5.50 रूपए और कम प्राप्त होंगे !
इसे कहते हैं, सरकार व उसके द्वारा पोषित आयोग द्वारा कर्मचारियों हेतु पेश किया गया मैजिक (जादू) !
और दूसरी तरफ मीडिया अपनी रिपोर्ट इस तरह पेश कर रहा है, जैसे कर्मचारियों ने सरकार को लूट लिया है, या फिर सरकार ने अपना खजाना कर्मचारियों पर लूटा दिया !
और इधर मकान मालिक, सब्ज़ी वाला, दूध वाला सबके सब भी कम से तम 20% दाम बढ़ाने के चक्कर में लगे हुये हैं !
कृपया आप भी बताएं , उपरोक्त गणना सही है या कहीं कुछ गलत ।

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