सुविचार

1
*दुसरो को सुनाने के लिए*
        *अपनी "आवाज"*
         *ऊँची मत करो...*
             
               *बल्कि ...*

     *अपना "व्यक्तित्व" इतना*
    *ऊँचा बनाओ कि आपको*
       *सुनने के लिए "लोग"*
             *इंतज़ार करें..*

2

अभिमान तब आता है जब हमे लगता है कुछ काम किया है, और सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है ।

सु प्रभात्।
🙏🏻 Happy Vishwakarma Jayanti 🌅🕉🌹

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